Description
विद्यालयी शिक्षा में सामाजिक विज्ञान का ज्ञान आवश्यक है। क्योंकि यह विज्ञान मानवीय संबंधों की विवेचना करता है और सामाजिक जीवन की सफलता को स्पष्ट करता है। जिसका उपयोग मनुष्य समाज कल्याण के लिए कर सकता है। सामाजिक विज्ञान अध्ययन की यह पुस्तक यूजीसी के नवीन पाठ्यक्रमानुसार तथा कुमाऊं विश्वविद्यालय, उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय आदि के बी.एड. के नवीनतम द्विवर्षीय पाठ्यक्रमानुसार तैयार किया गया है। इसमें यह भी ध्यान रखा गया है कि संपूर्ण पाठ्यक्रम एक साथ सरलता एवं सुगमता से उपलब्ध हो सके।
इस पुस्तक के लेखन में ईश्वर की असीम कृपा के साथ साथ अनेक विद्वानों, शिक्षाविदों, शिक्षकों, दार्शनिक एवं समाजसेवियों के विचार एवं साहित्य सामग्री का सहारा लिया गया है। इन सभी ज्ञात एवं अज्ञात प्रेरणा स्रोतों को सादर प्रणाम एवं हार्दिक अभिनंदन।
पुस्तक लेखन में भाषा शैली का महत्वपूर्ण स्थान होता है। इस पुस्तक की भाषा शैली भी सरल, सुगम तथा बोधगम्य बनाने में विशेष ध्यान रखा गया है। संपूर्ण पुस्तक की विषयवस्तु को विषय सूची के अनुसार चार अध्यायों में विभाजित किया गया है। हमारा यही प्रयास रहा है कि पुस्तक में कोई त्रुटि न रहे, पुस्तक की भाषा सरल और सुगम हो। फिर भी पूर्णता का दावा नहीं किया जा सकता है। पुस्तक की सार्थकता और उपादेयता तो विभिन्न विद्वान, सहयोगी शिक्षक बंधु तथा विद्यार्थियों की रचनात्मक सुझावों पर निर्भर करती है। सभी के सुझाव आमंत्रित है।
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