Description
पर्यावरण प्रदूषण, पटना के परिप्रेक्ष्य में एक भौगोलिक अध्ययन पुस्तक डॉ0 नन्द कुमार यादव द्वारा पटना के पर्यावरण प्रदूषण के सम्बन्ध में लिखी एक खुली किताब है जिसमें पटना के पर्यावरण प्रदूषण के विभिन्न आयामों का विशद् वर्णन है। पटना का वायु, जल (गंगा), मृदा एवं ध्वनि प्रदूषण के विषय में उल्लेख है।
पटना के पर्यावरण को केन्द्र में रखकर इस पुस्तक को लिखा गया। पटना पर्यावरण प्रदूषण से अछूता नहीं है, जहाँ एक ओर सारा संसार प्रदूषण से त्रस्त है वही पटना और पटना वासी भी इस वैश्विक समस्या से जूझ रहे हैं। इस समस्या के कारण पटना का जल, वायु मृदा और ध्वनि बुरी तरह से प्रभावित है। प्रदूषण के फलस्वरूप अनेकानेक आधि-व्याधि से लोग ग्रसित होते जा रहे हैं तो जलवायु परिवर्त्तन, हरित गृह प्रभाव और दूसरे मानवीय समस्या प्रदूषण से बढ रहे हैं। निजात पाने हेतु सटीक वैज्ञानिक मानवीय उपाय सुझाए गए हैं, जिससे पटना वासियों का जीवन सुख शान्ति पूर्वक निर्वाध व्यतीत हो।
पुस्तक को सात अध्यायों में विभक्त किया गया है, प्रथम अध्याय में पर्यावरण का अर्थ एवं परिभाषा, विषय एवं क्षेत्र भूमण्डलीय पर्यावरण एवं जीव जन्तु है। अध्याय द्वितीय में प्रदूषण की अवधारणाा एवं परिभाषा, प्रदूषण के कारण, प्रदूषण का वर्गीकरण आदि। अध्याय तृतीय में पटना की स्थिति जनसंख्या, उद्योग, यातायात, व्यवसाय एवं व्यापार है। अध्याय चतुर्थ में पटना में पर्यावरण प्रदूषण के विभिन्न प्रकार, पटना में वायु प्रदूष्ण, जल प्रदूषण (गंगा प्रदूषण), मृदा एवं ध्वनि प्रदूषण है। अध्याय पंचम में पटना के तात्कालिक एवं दीर्घकालीन प्रभाव प्रदूषण को रोकने की व्यवस्था। अध्याय षष्टम में पटना में पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण रोकने के उपाय, जनसाधारण की भूमिका, सरकार की भूमिका, सामाजिक संस्थानो, नगर निगम, स्वयंसेवी संगठनों, शैक्षणिक संस्थाओं, न्यायालयों की भूमिका एवं सप्तम में उपसंघार संनिहित हैं।
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