Description
पर्यावरणीय बदलाव 21वीं सदी की सर्वोच्च चुनौती है। बढ़ती हुई जनसंख्या, समृद्धि की अन्धी दौड़ और प्रदूषण ने पृथ्वी के प्राकृतिक स्वरूप को औद्योगिक पृथ्वी में बदल दिया है। 20वीं सदी में विज्ञान के अद्भुत विकास ने 21वीं सदी के प्रारम्भ में मानव को उसकी सीमाओं का आभास पर्यावरणीय बदलाव के विभिन्न रूपों में कराना प्रारम्भ कर दिया है। प्रस्तुत पुस्तक “पर्यावरण, पृथ्वी और मानव” के अन्तः सम्बन्धों को परिभाषित करते हुये भविष्य की चुनौतियों और निवारण के बारे में पाँच अध्यायों में विस्तारित किया गया है। प्रथम अध्याय में पर्यावरण के मूल तत्व, द्वितीय अध्याय में पर्यावरण के सन्दर्भ में स्वस्थ्य पृथ्वी की सीमायें, तृतीय अध्याय में कार्बन से परे उर्जा का भविष्य, चतुर्थ अध्याय में विनाश के कगार पर – पृथ्वी ग्रह और पंचम अध्याय में पर्यावरणीय बदलाव का नीति शास्त्र, के सन्दर्भ में लिखी गयी है। विश्वास है कि, यह पुस्तक अपने लक्ष्य पर्यावरण के प्रति जन जागृति करने में एक प्रभावकारी संदेश प्रदान करेगी।
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